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कहानी रोज की तरह शाम को एक खास समय पर खोतो के िकनार े से सटी पगडंडी पर साइिकल चलाते हुए घेडा गाँव के पौढ जमीनदार अचानक साइिकल को पगडंडी के ि...
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वाचन के मूलयाकन का आधार मूलयाकन िबनदु पूरा आंिशक सुधार की जररत है शबदो की पहचान 4 2 1 उिचत गित 4 2 1 सवाभािवकता 4 2 1 उचचारण 4 2 1 उतार- चढा...
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अपने रोगगसत साथी की मृतयु ने शरत् के मन मे कैसा पभाव डाला होगा ? उनके िवचारो को डायरी के रप मे िलिखए .... 7 जून 2010 वह िदन मै भूल न सकता । ...
कहानी रोज की तरह शाम को एक खास समय पर खोतो के िकनार े से सटी पगडंडी पर साइिकल चलाते हुए घेडा गाँव के पौढ जमीनदार अचानक साइिकल को पगडंडी के िकनारे खडे
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शबदकोश पगडडं ी - छोटी रासता दातौन - पेड की डाली का वह टुकट िजससे दात मंजन करता है । हिसया - അരിവാള खरौचे - िनशान बेबाक - िनरतर िधगगी - खुशी ...
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हिंदी मेतेरिअल्स मेरे ब्लॉग में उपलब्ध है>
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1 वे घृणा करते है हमसे हमारे कालेपन से हँसते है ,वयगं य करते है हम पर हमारे अनगढपन पर कसते है फिबतया मजाक उडाते है, हमारी भाषा का हमारे चाल-...
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Wednesday, October 13, 2010
कहानी रोज की तरह शाम को एक खास समय पर खोतो के िकनार े से सटी पगडंडी पर साइिकल चलाते हुए घेडा गाँव के पौढ जमीनदार अचानक साइिकल को पगडंडी के िकनारे खडे
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कृपया हिंदी मेतेरिअल्स भेजेने के कृपा kare
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